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सुविधाएँ

पुस्तकालय एवं वाचनालय (Library)-विद्यालय में एक पुस्तकालय एवं वाचनालय है जिसमें अनेक समाचार पत्र पत्रिकाएं नियमित रुप से आती हैं तथा छात्रों एंव आचार्यों के ज्ञानवर्धन हेतु विषय से सम्बन्धित पर्याप्त पुस्तकों का संग्रह है। छात्र रिक्त समय में उनका लाभ उठाते हैं।

 

बुक बैंक (BookBank)-निर्धन छात्रों की सहायतार्थ विद्यालय में बुक बैंक की व्यवस्था है। छात्रों के प्रार्थना पत्र के आधार पर वांछित पुस्तकें उपलब्ध कराई जाती हैं। सत्र समाप्ति पर वितरित सभी पुस्तकें जमा कराई जाती हैं। पुस्तकें खो जाने पर अथवा उनके विकृत हो जाने पर छात्र से, सम्बन्धित पुस्तक का मूल्य जमा कराके, पावती दे दी जाती है।

 

गृहकार्य (Home Work)-छात्रों को विविध विषयों में लिखित/ मौखिक, गृहकार्य दिया जाता है, जिससे सीखा गया ज्ञान पुष्ठ होता है। कौशलात्मक एवं बोधात्मक विकास की दृष्टि से छात्र से छात्र को परियोजना कार्य भी दिया जाता है, जो कार्य दिया जाता है, उसको पूरा करना अनिवार्य होता है। ध्यान रखें- इसके अभाव में छात्र का विकास अवरुद्ध होता है। मूल्यांकन के बाद परीक्षाफल में इसके अंक दिये जाते हैं।

 

ट्यूशन (Tuition)-छात्र के नियमित रूप से विद्यालय आने से और पाठ्यक्रम तथा पाठ्येत्तर अनुक्रियाओं में पूर्ण मनोयोग से भाग लेने पर ट्यूशन की आवश्यकता नहीं होती, फिर भी यदि कोई किसी विषय में कमजोर है, तो विद्यालय में लगने वाली अतिरिक्त कक्षाओं में नियमित रुप से सम्मिलित हो, किन्तु विद्यालय के किसी भी आचार्य को ट्यूशन पढ़ाने के लिए बाध्य कदापि न करें, अन्यथा छात्र का नाम पृथक किया जा सकता है।

 

लक्ष्य बोध (Lakshya Bodh)-विद्यालय में कक्षा 10 व 1 2 के छात्र जो बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित होते हैं, उनके लिए एक लक्ष्यबोध कार्यक्रम का आयोजन होता है, जिसमें छात्रों व उनके अभिभावकों को आमंत्रित किया जाता है तथा छात्र अपने अभिभावक को साक्षी मानकर अधिकतम अंक प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित करते हैं। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में अभिभावक अपना योगदान कैसे कर सकते हैं, ये सब बातें सुझाव के रुप में बताई जाती है।

 

देश-दर्शन एंव छात्र शिविर (Tourand StudentsCamps)-हमारे विद्यालय में अपने देश की सामाजिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, ऐतिहासिक एवं भौगोलिक स्थितियों के ज्ञानार्जन हेतु देश – दर्शन कार्यक्रमों की योजना रहती है जिसके अन्तर्गत हमारे छात्र प्रतिवर्ष देश के विभिन्न प्रान्तों से भ्रमण के लिए जाते हैं, जिससे छात्रों के द्वारा अर्जित ज्ञान को स्थायित्व मिलता है। उनके व्यक्तित्व के समग्र विकास के लिए विभिन्न छात्र शिविरों का आयोजन किया जाता है, जिससे छात्रों में आपसी सहयोग, आत्मनिर्भरता एवं स्वावलम्बन का भाव विकसित होता है।

 

छात्र संसद (Students Parliament)-छात्रों में नेतृत्व विकास एवं प्रतिभाओं के प्रकटीकरण हेतु छात्र संसद का गठन होता है। विद्यालय की छात्र संसद विद्यालय की समस्त गतिविधियों में परामर्श देने के साथ-साथ अन्य व्यवस्थाओं में सहयोग करती है। प्रतिवर्ष इसका लोकतांत्रिक पद्धति से चुनाव होता है, इससे छात्रों में कार्य कुशलता एवं उत्तरदायित्व के निर्वहन क्षमता का विकास होता है।

 

शैक्षिक परिषद (AcademicCouncil)-हमारे विद्यालय में विद्यालयी कार्यों को सुचारू रूप से चलाने विभिन्न विभाग निर्धारित हैं जैसे- विज्ञान विभाग, साहित्य एवं कला विभाग, सांस्कृतिक विभाग, पुस्तकालय विभाग, क्रीडा विभाग, अनुशासन विभाग, भोजन विभाग, वाहन विभाग एवं चिकित्सा विभाग आदि। इन विभागों की परिषदें गठित होती हैं, जो उस विभाग का सफल संचालन करती हैं। इन परिषदों के सदस्य आचार्य एवं छात्र ही होते हैं।

 

प्रतियोगितायें (Competitions)-शिक्षा के बहुआयामी स्वरूप को यथार्थरुप देने की दृष्टि से हमारे विद्यालय में विभिन्न प्रकार की शारीरिक एवं बौद्धिक प्रतियोगिताओं का आयोजन विद्याभारती के संकुल स्तर से लेकर अखिल भारतीय स्तर तक किया जाता है। इसके साथ ही सरकारी खेलकूद प्रतियोगिताओं में हमारे छात्र भाग लेते हैं। इन प्रतियोगिताओं से छात्रों का शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है। विजेता छात्र पुरस्कृत किये जाते हैं।

 

विज्ञान मेला (Science Fair)-वर्तमान वैज्ञानिक युग में विद्यार्थियों में विज्ञान के क्षेत्र में रूचि जाग्रत करने की दृष्टि से प्रतिवर्ष विद्यालय स्तर से लेकर अखिल भारतीय स्तर तक एक विज्ञान मेला का आयोजन होता है, जिसमें विद्यालय के छात्र भाग लेते हैं।

 

घोष (Band)-छात्रों में एकता, आज्ञाकारिता व अनुशासन जैसे गुणों के विकास के लिए विद्यालय में घोष शिक्षण की उत्तम व्यवस्था है। राष्ट्रीय पर्वो एवं पथ संचलन में हमारे छात्रों द्वारा घोष प्रदर्शन किया जाता है।

 

वार्षिकोत्सव (Annual Function)-शैक्षिक गतिविधियों के साथ-साथ सांस्कृतिक व शारीरिक प्रतिभाओं के प्रकटीकरण हेतु वार्षिकोत्सव का आयोजन किया जाता है।